1. राज्य में आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना एवं मुख्यमंत्री विशेष स्वाख्य सहायता योजना चलाई जा रही है। इसके तहत् हितग्राहियों को पंजीकृत अस्पतालों में नगद रहित उपचार लाभ उपलब्ध कराया जा रहा है। 2. आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत् सामाजिक, आर्थिक एवं जातीय जनगणना, वर्ष 2011 अंतर्गतु निर्धारित वांछित श्रेणी के परिवार तथा राज्य के अन्त्योदय व प्राथमिकता के क्रियाशील राशन कार्डधारी परिवारों के लिए प्रतिवर्ष प्रति परिवार रु. 5 लाख तक का निः शुल्क ईलाज पंजीकृत अस्पतालों में उपलब्ध है। 3. ध्यान दें कि, राज्य शासन द्वारा संचालित मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत् सूचीबव्द गंभीर एवं अन्य दुर्लभ बीमारियों होने पर योजना के नियमानुसार रू. 25 लाख तक का निःशुल्क उपचार प्राप्त करने हेतु भी आयुष्मान कार्ड होना आवश्यक है। 4. पात्र परिवार के प्रत्येक सदस्य को अलग-अलग आयुष्मान कार्ड बनवाना होगा, 5. निःशुल्क आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए हितग्राही को अप...
गौरव जैन बनाम यूनियन ऑफ इंडिया (Gaurav Jain v. Union of India) एक सुप्रीम कोर्ट का महत्वपूर्ण मामला है, जिसमें वेश्याओं के बच्चों और बाल वेश्याओं के अधिकारों और पुनर्वास को लेकर पीआईएल (जनहित याचिका) दायर की गई थी। इस केस में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वेश्याओं के बच्चे भी समाज के मुख्य धारा का हिस्सा हैं और उन्हें बिना किसी कलंक के सामाजिक जीवन में समान अवसर, गरिमा, देखभाल, और संरक्षण का अधिकार है। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वेश्याओं के बच्चों को उनकी पहचान और उत्पत्ति के कारण अलग-थलग नहीं किया जाना चाहिए। इसके बजाय, उनका पुनर्वास और बेहतर जीवन सुनिश्चित करने के लिए विशेष योजनाएं बनानी चाहिए। कोर्ट ने मामले में एक समिति गठित करने और पुनर्वास तथा सामाजिक समावेशन के लिए नियमित रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया। यह मामला 1997 में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुआ था, और इस निर्णयन से वेश्याओं के बच्चों को समाज में समान दर्जा मिलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई गई। न्यायालय ने इस मुद्दे पर गहरी संवेदनशीलता दिखाते हुए कहा कि समाज जिम्मेदार है कि वह ऐसे बच्चों को सामाजिक बहिष्कार से बचाए और उनक...