मेरे प्यारे नन्हें बच्चों!
पहले, मैं सभी बच्चों को इस दिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएँ देना चाहता हूँ। आप सभी इस दुनिया का सबसे अनमोल हिस्सा हैं। आपके शिक्षक उम्र और तजुर्बे में आपसे काफी बड़े है, बढ़ती उम्र उनके माथे में अनायास सिकन लाती है l दुनियाभर की बेमतलब जिम्मेदारियों के बोझ में शिक्षक को सुकून तब मिलता है जब आपका मुस्कुराता हुआ चेहरा सामने आता है l आपको शायद अभी इसका अहसास न हो, लेकिन इस बात में कोई दो राय नहीं है कि आप सभी उस ईश्वर/भगवान या उस अलौकिक परमतत्व के प्रतिरूप है l
चिल्ड्रन डे, जो कि हमारे प्रिय पंडित जवाहरलाल नेहरू के जन्मदिन पर मनाया जाता है, हमें यह याद दिलाता है कि बच्चों का भविष्य हमारे समाज का भविष्य है। नेहरू जी ने हमेशा बच्चों के विकास और शिक्षा को प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा था कि "बच्चे हमारे भविष्य हैं," और यही कारण है कि हमें उन्हें प्यार, देखभाल और सही दिशा में मार्गदर्शन देना चाहिए।
आज का दिन सिर्फ उत्सव मनाने के लिए नहीं हैं, बल्कि हमें यह भी सोचना है कि हम बच्चों को कैसे एक सुरक्षित, खुशहाल और समृद्ध जीवन दे सकते हैं। हमें बच्चों के अधिकारों की रक्षा करनी चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हर बच्चे को शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा का अधिकार मिले। बच्चों को कुशल मार्गदर्शक व एक सच्चे मित्र के रूप में शिक्षक की आकांक्षा होती है l बच्चों की उत्सुकता को समझ पाना कला की विषयवस्तु है जो हर शिक्षक में थोड़ा कम या थोड़ा ज्यादा होता है l
बच्चों, आप सभी में असीमित संभावनाएँ हैं। आप सपना देख सकते हैं, और उन सपनों को सच करने की कोशिश कर सकते हैं। आपकी मेहनत, आपके सपने और आपके विचार ही इस दुनिया को एक बेहतर स्थान बना सकते हैं। बच्चों आपको चाहिए कि लक्ष्य के रूप में परंपरागत पेशे अपनाने का भ्रामक सपना संजोने के बजाए एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ इंसान बनने की राह को चुने l ज्ञान को अर्जित करें l खूब पढ़ें, खूब गढ़े और खूब आगे बढ़े l
मैं सभी शिक्षकों और माता-पिता से भी यह अपील करता हूँ कि वे बच्चों को प्रेरित करें, उन्हें सुनें, और उनके सपनों को साकार करने में मदद करें। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप भारतीय ज्ञान परंपरा पर आधारित शिक्षा व्यवस्था बच्चों के व्यक्तित्व और कौशल को सकारात्मक दिशा देने सक्षम है l उनकी नैसर्गिक उत्सुकता को तथ्यों और तार्किकता से तथा उनके बौद्धिक क्षमता अनुसार उनकी ही भाषा में अभिव्यक्त करें l अभिभावक बच्चों को मोबाइल की लत से बचाकर रखें, साथ ही तकनीकी से अछूता न रखें l
रंग, जाति और पद भेद से रहित नवोदय विद्यालय से संबद्ध समाज के चुनिंदा सेवार्थियों का संगठन NVAAB के स्थापना और जमीनी कार्यकर्ता के रूप में समाज के उत्थान में अपनी भागीदारी निभाने के दौरान मुझे यह अहसास होता है कि मैं आपसे अपनी भावना इस कारण अभिव्यक्त कर पाता हूं क्योंकि मेरी शिक्षा और मेरे परिवार का संस्कार मुझे इस लायक़ बनाने में निर्णायक भूमिका निभाई है l बच्चों ! जिले के किसी नवोदय विद्यालय में चयन उपलब्धि नहीं है, चयनित शिक्षार्थी अपने हाल का श्रेय नवोदय विद्यालय शिक्षा व्यवस्था को इसलिए देता है क्योंकि चयन परीक्षा से पहले और बाद में वह अपने व्यक्तित्व में जो कुछ भी बदलाव ला पाता है वो इसका श्रेय बड़े ही कृतज्ञ भाव से अपने स्कूल के कर्मठ गुरुजनों और वहां की व्यवस्था को देना चाहता है l हमें चयन परीक्षा में प्रयास एक बार जरूर करनी चाहिए l इससे व्यवहारिक जीवन में कमरतोड़ चयन परीक्षा संबंधी तैयारी कम उम्र में होना संभव हो पाता है l इससे ज्यादा कोई विशेष नहीं l
हर उम्र का अपना बचपना होता है l आईए आज हम सभी मिलकर यह संकल्प लें कि हम बच्चों के लिए एक सकारात्मक और प्रेरणादायक वातावरण बनाएंगे, जहाँ वे अपनी प्रतिभाओं को विकसित कर सकें और अपने सपनों को पूरा कर सकें।
धन्यवाद!
आपका साथी, आपका मार्गदर्शक
सत्येंद्र प्रकाश सूर्यवंशी गुड्डा भईया (बिरकोना वाले)
संयोजक: "पालकों की पाठशाला",
मोबाइल नंबर: 76979- 33338
यदि आप मुझे खत लिखना चाहें तो मेरा पता है
पोस्ट बॉक्स नंबर 18,प्रधान डाकघर बिलासपुर, छत्तीसगढ़, पिन नंबर 495001
Guida bhaiya
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