ग्राम पंचायतों में ज्ञानोदय वाचनालय की स्थापना:-
राज्य के समग्र
विकास के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लोकतांत्रिक संस्थाओं को और अधिक पारदर्शी और
सुदृढ़ बनाया जाना आवश्यक है। इसके लिए ग्रामीणों, विशेषकर युवाओं में ज्ञान एवं कौशल क्षमता को विकसित किया
जाना होगा। आधुनिक संचार सुविधाओं की पहुंच गांव तक सुनिश्चित होने से वैश्विक
परिर्वतन,
राष्ट्रीय- अंतराष्ट्रीय घटनाक्रम की जानकारी ग्रामीण
युवाओं को हो सकेगी। इससे उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी तथा राष्ट्रीय-
अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रतिस्पर्धा में भाग लेने के लिए तत्पर रहेंगे।
व्यक्ति के
ज्ञान का विस्तार करने के लिए पुस्तके बहुत उपयोगी है। औसत वर्ग का व्यक्ति अपनी
रूचि अनुसार महंगी पुस्तके नहीं खरीद सकता और न ही उसकी देख रेख कर सकता। इसलिए वह
शिक्षा से वंचित रह जाता है, परंतु पुस्तकालय (लाइब्रेरी) के माध्यम से वह सभी प्रकार के
पुस्तके पढ़ सकता है, और अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकता हैं।
सामाजिक
अंकेक्षण इकाई
महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम की लेखा परीक्षा नियम 2011 की कंडिका 4(1) के तहत राज्य में सामाजिक अंकेक्षण इकाई का गठन सितम्बर 2013 में किया गया। छत्तीसगढ़ सामाजिक अंकेक्षण इकाई, छत्तीसगढ़ सोसायटी पंजीकरण अधिनियम 1973 की धारा 7 के अंतर्गत पंजीकृत स्वशासी संस्था है, जिसका पंजीयन क्रमांक 4611, माह फरवरी 2014 है।
छत्तीसगढ़ सामाजिक अंकेक्षण इकाई की गवर्निंग बॉडी(अधिशासी निकाय) का गठन मुख्य सचिव, छत्तीसगढ़ शासन की अध्यक्षता में किया गया जिसमें वरिष्ठ अधिकारी, सामाजिक अंकेक्षण विशेषज्ञ, शिक्षाविद तथा NGO के 11 प्रतिनिधि सदस्य शामिल है।
छत्तीसगढ़ सामाजिक अंकेक्षण इकाई के द्वारा महात्मा गाँधी नरेगा, प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारीता विभाग अंतर्गत संचालित योजनाओ का सामाजिक अंकेक्षण किया जा रहा है। महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत राज्य में विगत वर्ष किये गये व्यय के अनुसार 0.5 प्रतिशत प्रशासनिक व्यय की राशि भारत सरकार, ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा प्रत्येक वर्ष छ.ग. सामाजिक अंकेक्षण इकाई को सीधे आबंटित किये जाने का प्रावधान हैं जिसमें राज्यांश की राशि नहीं है। उक्त वर्ष संचनालय,प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण छत्तीसगढ़ शासन के द्वारा सामाजिक अंकेक्षण संपादित किए जाने हेतु प्रति ग्राम पंचायत 6678 रू0 निर्धारित किया गया है यह पूर्णतः राज्यांश है। छत्तीसगढ़ सामाजिक अंकेक्षण इकाई में सामाजिक अंकेक्षण कार्य हेतु कुल 586 पद स्वीकृत हैं।
समाजिक अंकेक्षण इकाई के उददेश्य:-
1. राज्य में सामाजिक अंकेक्षण प्रक्रिया को मजबूत करना और बढ़ाना ताकि सामाजिक
अंकेक्षण शासकीय प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग बने।
2. लाभार्थी के अधिकारों पर आधारित समस्त विकास योजनाओं का सामाजिक अंकेक्षण
सुनिश्चित करना।
3. समुदाय के सदस्यों का क्षमता वर्धन कर स्व-शासन की प्रक्रियाओं को सुदृढ़ करना।
श्रद्धांजलि
योजना:-
राज्य शासन
द्वारा जुलाई 2016 से ग्रामीण क्षेत्रों के लिए श्रद्धांजलि योजना लागू की गई है। प्रदेश के
ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत ऐसे परिवार जो सामाजिक आर्थिक एवं जातिगत जनगणना,
2011 के आंकड़ो के अनुसार स्वतः
शामिल सूचकांक के आधार पर गरीब परिवार के रूप में शामिल हैं तथा ऐसे परिवार जो
किसी न किसी वंचन सूचकांक में शामिल है, इस योजना से लाभान्वित होंगे। योजना के अंतर्गत परिवार के
मुखिया या कमाऊ सदस्य की मृत्यु होने पर 24 घंटे के भीतर मृतक के अंतिम संस्कार के लिए मृतक के परिवार
को रूपये 2,000/- (दो हजार रूपये मात्र) तत्काल एकमुश्त वित्तीय सहायता प्राप्त करने की पात्रता
होगी। मृतक परिवार को सहायता राशि तत्काल उपलब्ध कराने का दायत्वि संबंधित ग्राम
पंचायत के सरपंच एवं सचिव का है।
Comments
Post a Comment