लक्ष्मी बनाम भारत संघ एक सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक मामला है, जो मुख्यतः एसिड अटैक पीड़ितों के अधिकारों और सुरक्षा से संबंधित है। लक्ष्मी नामक एक युवा लड़की पर 2005 में क्रूर एसिड हमला हुआ था, जिसके बाद उसने भारत के सर्वोच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर की। इस केस के कारण कोर्ट ने एसिड की बिक्री पर सख्त नियम और नियंत्रण लागू किए, साथ ही पीड़ितों के बेहतर इलाज और मुआवजे के प्रावधानों को सुनिश्चित किया।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एसिड अटैक को हत्या के प्रयास जैसा गंभीर अपराध माना और दोषियों को कड़ी सजा का आदेश दिया। साथ ही, एसिड खरीदने वालों के लिए कड़ी शर्तें लगाई गईं, जिससे बिना उचित कारण एसिड की खरीद पर नियंत्रण हो सके। कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया कि वे पीड़ितों को पुनर्वास, मानसिक चिकित्सा और अन्य सहायता उपलब्ध कराने के लिए प्रभावी कदम उठाएं।
इस फैसला ने न केवल एसिड अटैक पीड़ितों के अधिकारों को सशक्त किया, बल्कि भारत में सार्वजनिक सुरक्षा कानूनों और अपराध नियंत्रण के क्षेत्र में भी एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर स्थापित किया। लक्ष्मी बनाम भारत संघ का न्यायिक निर्णय सामाजिक न्याय और मानवाधिकारों के संरक्षण में अहम योगदान मान जाता है
Comments
Post a Comment