मर्ज उल मौत (Marz-ul-Maut) का अर्थ है "मौत की बीमारी" या "डैथ बेड इलनेस"। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब किसी व्यक्ति को ऐसी जानलेवा बीमारी हो जिसके कारण उसकी मृत्यु करीब हो और ठीक होने की संभावना बहुत कम हो। इसका निर्णय सामान्यतः एक चिकित्सक द्वारा किया जाता है। मर्ज उल मौत के दौरान व्यक्ति अपनी संपत्ति या धरोहर का एक विशेष हिस्सा (अधिकतर एक तिहाई से अधिक) गिफ्ट या ट्रांसफर कर सकता है, जिसे "डैथ बेड ट्रांजैक्शन" भी कहा जाता है।
मर्ज उल मौत की प्रमुख विशेषताएं:
- रोग ऐसा होना चाहिए जो मृत्यु का कारण बन सके।
- रोगी के मन में मृत्यु की आशंका उत्पन्न हो।
- रोग की स्थिति ऐसी हो कि व्यक्ति सामान्य क्रियाकलापों में असमर्थ हो जाए।
मुस्लिम कानून में मर्ज उल मौत पर की गई गिफ्ट या संपत्ति अंतरण विशेष महत्व रखते हैं और यह डैथ बेड ट्रांजैक्शन के तहत मान्य होते हैं, बशर्ते कि इस दौरान उपहार देने वाला स्वस्थ विचार वाले और समझदार हो और गिफ्ट को प्राप्त करने वाला जीवित हो।
संक्षेप में, मर्ज उल मौत वह अवस्था है जब कोई व्यक्ति जानलेवा बीमारी की स्थिति में हो और उसे अपनी अंतिम संपत्ति का निपटान करने का अधिकार प्राप्त हो, जिससे मौत के निकट उसे सामाजिक और कानूनी तौर पर विशेष अधिकार मिलते हैं।
Comments
Post a Comment