जावेद बनाम स्टेट ऑफ हरियाणा (Javed vs State of Haryana) एक महत्वपूर्ण सुप्रीम कोर्ट का फैसला है, जिसमें हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 के उन प्रावधानों की संवैधानिकता को चुनौती दी गई थी जो दो से अधिक जीवित बच्चों वाले व्यक्ति को पंचायत चुनाव लड़ने और पंचायत में पद धारण करने से अयोग्य ठहराते हैं।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय दिया कि अधिनियम की धारा 175(1)(क्यू) और 177(1) वैध हैं। धारा 175(1)(क्यू) के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति के दो से अधिक जीवित बच्चे हैं, तो वह सरपंच, पंच, पंचायत समिति या जिला परिषद का सदस्य नहीं बन सकता। धारा 177(1) में इस अयोग्यता के प्रभाव की शुरुआत अधिनियम लागू होने के एक साल बाद से मानी गई है।
न्यायालय ने इस कानून को संवैधानिक रूप से सही माना और इसे पारिवारिक नियोजन व जनसंख्या नियंत्रण के उद्देश्य से आवश्यक और सार्वजनिक हित में बताया। इस प्रकार यह कानून दो से अधिक बच्चों वाले व्यक्तियों के पंचायत चुनावों में भाग लेने पर प्रतिबंध लगाता है ताकि परिवार नियोजन को बढ़ावा दिया जा सके।
इस फैसले से यह स्थापित हुआ कि जनसंख्या नियंत्रण के लिए सरकार का यह कदम संविधान के अन्तर्गत वैध है और इससे संविधान के अनुच्छेद 14, 21 आदि का उल्लंघन नहीं होता
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