ग्राम पंचायतों में ज्ञानोदय वाचनालय की स्थापना:- राज्य के समग्र विकास के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में लोकतांत्रिक संस्थाओं को और अधिक पारदर्शी और सुदृढ़ बनाया जाना आवश्यक है। इसके लिए ग्रामीणों , विशेषकर युवाओं में ज्ञान एवं कौशल क्षमता को विकसित किया जाना होगा। आधुनिक संचार सुविधाओं की पहुंच गांव तक सुनिश्चित होने से वैश्विक परिर्वतन , राष्ट्रीय- अंतराष्ट्रीय घटनाक्रम की जानकारी ग्रामीण युवाओं को हो सकेगी। इससे उनके आत्मविश्वास में वृद्धि होगी तथा राष्ट्रीय- अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रतिस्पर्धा में भाग लेने के लिए तत्पर रहेंगे। व्यक्ति के ज्ञान का विस्तार करने के लिए पुस्तके बहुत उपयोगी है। औसत वर्ग का व्यक्ति अपनी रूचि अनुसार महंगी पुस्तके नहीं खरीद सकता और न ही उसकी देख रेख कर सकता। इसलिए वह शिक्षा से वंचित रह जाता है , परंतु पुस्तकालय (लाइब्रेरी) के माध्यम से वह सभी प्रकार के पुस्तके पढ़ सकता है , और अपने ज्ञान में वृद्धि कर सकता हैं। सामाजिक अंकेक्षण इकाई महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी स्कीम की लेखा परीक्षा नियम 2011 की कंडिका 4(1) के तहत राज्य में सामाजिक अं...